ज्ञान की कश्ती मे, ध्यान की मस्ती मे
राग को छोड छोड के,द्वेष से मुह मोड के
जगत से दूर--------2

वहाँ क्या ज्ञान मिलेगा? वहाँ क्या ध्यान लगेगा?
जिसे तू ढूँढ रहा, क्या वो भगवान मिलेगा ?
ल ला ल ल ला------
वहाँ सिद्धो को जपने,अरिहंतो को सुमरने
सुमरण से पाप हटेगा , लगेगे जिन श्रेणी चढने
ल ला ल ल ला -----------
गुरुवर ने कहा ! क्या कहा?
जो भी कहा सच ही कहा
जाना है शिवपुर- --- ज्ञान की-----

सम्यक दर्शन प्राप्त कर, सम्यक ज्ञान बढायें ।
मिलें गुरु जीवन मे तो,सम्यक चरित्र अपनायें।।
ल ला ल ल ला- ----

ध्यान क्या लगे वहाँ पर?
धर्म नही पाखंड जहाँ पर ।
जहाँ मिथ्या मत चलता,
जीव खुद को खुद छलता।।
ल ला ल ल ला-----------
सम्यक्त्व पे श्रृद्धा करो,
सम्यक्त्व को धारण करो।
कर दो भव बंधन को चूर ,
ज्ञान की कश्ती- ----------

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