जन्मो से कहता है मन ,
गुरु द्वार जो मिल जाए ।
जो मिलो जो मिलो जो मिलो मानव तन ,
कहीं बेकार मे ना जाए।।
जन्मो से कहता -----------------

भव पीर क्या होती है ,
जाने ना मन क्या वोले।
कहना भी ना माने मन,
तभी तो धारे कई जनम ।
दुखो को सहकर हरदम।
इन्द्रियों के वश मे मजबूर है ,
विषयो मे रहता भरपूर है ।।
ओ वीरा तेरी वाणी पे ,
श्रृद्धान जो हो जाये ।
जो मिलो जो मिलो -----------

गुरुवर ने दिखाया है शिवपथ,
वही तो है तारन पथ।
सुनो चेतन बीत जाये न ये जिन्दगी।
करो ऐसा यतनी हो जाये सफल ये जिन्दगी ।
आतम का ये बुरा हाल है ,
रहा ना होश था किया ना ख्याल है ।।
चेतो"अंतिम" अब ,
जीना मरना कहीं बेकार मे जाए ।
जो मिलो जो मिलो --------------
जन्मो से कहता-----------

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