तर्ज - नन्हा मुन्ना राही हूँ- -


नन्हा मुन्ना ज्ञानी हूँ, जिनधर्म का श्रद्धानी हूँ ।
वोलो मेरे संग तारणपंथ जयवंत जयवंत ।।
नन्हा मुन्ना ----------

रास्ते पे चलूंगा मै गुरुवर के,
मन मे उमंग और श्रृद्धा धर के।
मोक्ष से पहले ना लूंगा कहीं दम,
आगे ही आगे बढाऊंगा कदम ।।
नन्हा मुन्ना -----------------

हर रोज मै पाठशाला जाऊंगा ,
वीरा की वाणी को ह्रदय मे लाऊंगा।
सबको बताऊंगा क्या है जैन धरम
आगे ही आगे बढाऊंगा कदम ।।
नन्हा मुन्ना ---------------------

चार कषाय जो बताईं उनको छोडूगाँ।
पाँचो पापो से अपना नाता तोडूगाँ ।।
षट आवश्यको को पालूंगा हरदम ,
आगे ही आगे----------
नन्हा मुन्ना --------------
बडा होकर भेद विज्ञानी बनूंगा ,
आतम शुद्धातम का ध्यान धरुंगा ।
जिनवाणी की शरण मे रहूंगा हरदम ।
आगे ही आगे------------
नन्हा मुन्ना ज्ञानी------------

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