तर्ज - दिल ने ये कहा है हमसे

गुरु ने जो कहा है हमसे ,
वो जिनवर ने कहा है उनसे ।
तुम भेद ज्ञान करलो,
जो कह रहे है गुरुवर
उसपे सत् श्रृद्धान करलो ।।
जिन वचनो को तुम समझो ,
तुम भी तत्व ज्ञान करलो । - 2
गुरु ने जो कहा ------------------


जिस जीव का
जिस दृव्य का
जिस समय मे जो
जैसा होना
जो भी होना
होगा तत्समय मे वो
जो होना है नहीं है रुकता ,
यह निर्णय प्रधान हो ।
अपने मे ही रहना सीखो ,
तुम स्वयं भगवान हो ।।
गुरु पे सत् श्रृद्धान रखकर,
नरभव का सुधार करलो ।
जिन वचनो को------------


इस शरीर आदि से भिन्न ,
एक अखंड
अविनाशी हो तुम ।
चैतन्य ज्योति
ममल स्वभावी ,
सुख राशि हो तुम ।।
देखते वा जानते हो,
केवल ज्ञान भाव से ।
आत्मा काअनुभव करो ,
धर्म शुक्ल ध्यान से ।।
दुनिया से उदास होकर,
तुम भेद ज्ञान करलो ।।
जिन वचनो को तुम-----------

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