तर्ज - दैया दैया दैया रे

मैया मैया मैया ऽऽऽऽ
मैया मैया मैया ने - 3
हाॅ मैया मैया मैया ने----
जिनवाणी मैया ने सबको ज्ञान दिया रे ।
मैया मैया मैया ने - - - हाँ मैया - - -
जग के जीवो को मुक्ति का द्वार दिया रे ।
मैया मैया मैया ने - - - हाॅ मैया - - -


सात तत्व छह द्रव्य बतायें
जिनवर वचन सुहाने ।
नौ पदार्थ पंचास्तिकाय मे
उपादेय है जीव बखाने ।।
ऑ ऽ ऽ ऽ - - - ऑ ऽ ऽ ऽ - - - ऑ ऽ ऽ ऽ - - -
भव्यो को शिवपुर की राह बताने
चैत्यालयो मे है विराजी ।
जीव जुदा और पुदगल जुदा है
बताये जिनवाणी माँ जी ।।
होओ ऽ ऽ - - होओ ऽ ऽ - - होओ ऽ ऽ - -
जिनवर की वाणी ने जग कल्याण किया रे ।
मैया मैया - - - - -हाॅ मैया - - - -


जिनवर की वाणी को ह्रदय मे लाओ
गर् मुक्ति की चाह लगी है ।
शुद्धातम का तुम ध्यान लगाओ
मुक्ति की राह यही है ।।
आॅ ऽ ऽ ऽ- - - ऑ ऽ ऽ ऽ - - - ऑ ऽ ऽ ऽ- - -
इस कलिकाल मे जिनवाणी के
समान ना दूजा बताया ।
कुंद-कुंद गुरु तारण तरण ने
इसकी ही महिमा को गाया ।।
होओ ऽ ऽ ऽ - - - होओ ऽ ऽ ऽ - - - होओ ऽ ऽ ऽ - -
"अंतिम" नरभव पाकर ना
विचार किया रे ।।
मैया मैया - - - - हाॅ मैया - - - - -

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