निसई जी मे आन मिले सब भैया, बाजे ढोल मृदंग ।
आतम का हित करने को आये, तारण गुरु के संग ।।
होली खेले तारण वीरा निसई मे-------होली खेले तारण वीरा- 2
हिल मिल आये सब गुरु भाई-2
रंग लगो है चेतन मे-----निसई मे-----होली खेले- ------
काहे की रे गुलाल बनी है ,काहे को बनो है रंग भैया ।
कौना पे रे गुलाल पड़ी है,कौना पे पडो है रंग भैया।।
कौना के भींगे है चीरा- --निसई मे-----होली खेले- ------
ज्ञान की रे गुलाल बनी है,भक्ति को है रंग केसरिया ।
हर आतम पे गुलाल पड़ी है,हर तन पे लगो है रंग भैया ।।
रुइया रमन के भींगे है चीरा-----निसई मे---------होली खेले------
होली खेले तारण वीरा निसई मे
होली खेले------

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