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Taranpanth - Digamber Jain
  • जन्म स्थली

  • श्री वेदी जी श्री तारण तरण अतिशय तीर्थ क्षैत्र-श्री निसईजी पुष्पावती धाम जन्म स्थली-जिला-कटनी (म- iz-

Taranpanth - Digamber Jain
  • दीक्षा स्थली (तपो भूमि)

  • श्री वेदी जी श्री तारण तरण अतिशय तीर्थ क्षैत्र-श्री निसईजी सेमरखेडी धाम दीक्षा स्थली (तपो भूमि)-जिला-विदिशा (म.प्र.)

Taranpanth - Digamber Jain
  • विहार स्थली

  • श्री वेदी जी श्री तारण तरण अतिशय तीर्थ क्षैत्र-श्री निसईजी सूखा धाम विहार स्थली-जिला-दमोह (म.प्र.)

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  • समाधि स्थली

  • श्री वेदी जी श्री तारण तरण अतिशय तीर्थ क्षैत्र-श्री निसईजी मल्हारगढ धाम समाधि स्थली-जिला-अशोकनगर (म.प्र.)

णमोंकार महामंत्र

णमो अरहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आइरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं ।

एसो पंचणमोयारो सव्वपावप्पणासणो ।
मंगलाणं च सव्वेसिं पढ़मं होहि मंगलम् ।।

पुष्पावती में जन्म ले, सेमरखेडी. तजराग।
आत्मध्यान निसई धरयो, जग्यो परम वैराग।।
ध्यानध्यान जहॅ करत हैं, निशदिन ध्यान मनोज्ञ।
कर्मारण्य वन दग्धियो, मन वच तन कर योग।।
विहरत देश विदेश में, सूखा कर विश्राम।
गगन सकल चुम्बत रहै, चैत्यालय शुभ ठाम।।
सिध्द भूमि सुहावनी, मंगलमय सुखदाय।
धर्म ध्यान नित प्रति करो, गुरु पद शीश नवाय।।


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