पुष्पावती मे जन्मे , गुरु तारण तरण ।
नाम तुम्हारा बाबा , है तारण तरण ।।
मेरे बाबा ने जब लिया अवतार,
जमाना वोला आया आया है तारणहार।।
पुष्पावती मे -----------------

लोग पडे थे आडंबरो के पीछे,
सत्य धर्म से थे अखिया मीचे।
कौन बताये कौन सुनाये , जिनवाणी को --------- गुरु तारण तरण --
सही ना जाये मुझसे,
भव भव जलन ।।
जय गुरु जय गुरु-----जय गुरु----

शाम सबेरे तुमको ही ध्याऊ,
छोड के चरणो को ना जाऊ।
किसके दर पे जाऊ किसको मनाऊं,
हाल बुरा है मेरा गुरु तारण।
भव पीर "अंतिम" की हरना
गुरु तारण तरण----------
पुष्पावती मे जन्मे -----------
नाम तुम्हारा -----------

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