वीरशà¥à¤°à¥€ मैया ये जगत तरैया,
जनà¥à¤®à¤¾ है जबसे उडे जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¥ˆà¤¯à¤¾ ।
हाय वीर जी की कृपा से ,
तारण पथ है मिला वीर जी की कृपा से ।
मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मारग मिला वीर जी की कृपा से ।
वो जिनवाणी सà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° लाखो को तारे ।
हम à¤à¥€ है गà¥à¤°à¥ वर जी तेरे सहारे ।
अपनी आतम के संग मे खेले वो होली ,
अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤® की à¤à¤¸à¥€ राह है खोली ।
नैया को मोरी à¤à¤µ पार करो रे ,
चरणो मे हू उदà¥à¤§à¤¾à¤° करो रे ।
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ गà¥à¤²à¤¾à¤² वो सब पर उडाये------
हाय वीर जी कृपा से --------
जब जब सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ उसने वीरा की वाणी ,
तब तब तरे कई लाख पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ ।
सà¥à¤¨ ले समठले रे à¤à¤µà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ ,
समà¤à¤¾ रहे है तà¥à¤à¤•à¥‹ तारण जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ ।
तूने नरà¤à¤µ है पाया ,जो करने आया था वो कर ना पाया ।
बडी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² से ये जैन कà¥à¤² पाया
हाय ------- वीर जी की ------------
पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤µà¤¤à¥€ का वीरा हर मन मे समाया ।
मै बडा à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ शाली जो दà¥à¤µà¤¾à¤° इनका पाया।।
अब जाना ये है जग के तरैया,
कहलाते है ये देवालय के बतैया।।
आतम का सचà¥à¤šà¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया है ,
जिनवर की वाणी का मंथन किया है ।।
चरणो मे "अंतिम " जिनवाणी के ही रहना हाय------ वीर जी की --------
तारण पथ है------
मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मारग मिला ---------