तर्ज- सरफरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है


शिवपुर जाने की तमन्ना ,
अब हमारे मन मे है ।
क्यो कि अब हमको मिले ,
सद्गुरु तारण तरण है।।
शिवपुर जाने---------------

वक्त है तुमको अभी ,
अपने मे रम जाओ आत्मा ।
वे गुण तुम मे है समाये,
जो गुण सिद्धन् में है ।।
शिवपुर जाने------------

जिनको तूने अपना समझा ,
वो ना कोई तेरे हुये ।
क्या मिला तुझको बता दे ,
अब तक आवागमन मे है।।
शिवपुर जाने------------

करले तू निश्चय ये अपना,
अब ना भटकूंगा कहीं ।
सच्चा सुख "अंतिम "मिलेगा,
जिनवाणी की शरण मे है ।।
शिवपुर जाने-------------

TOP