तरà¥à¤œ - मेरा रंग दे बसंती चोला
जिन धरà¥à¤® बडा अनमोला ,
हो जिन धरà¥à¤® बडा अनमोला ।
जिन धरà¥à¤® बडा -----------------
इस धरà¥à¤® को बताया आदि देव ने,
राज पाट को तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर ।
बांकि तीरà¥à¤¥à¤‚करो ने ,
रखा इसे संà¤à¤¾à¤² कर ।।
कà¥à¤‚द-कà¥à¤‚द योगेंदॠदेव ने,
इसी का मरà¥à¤® टटोला ।
जिन धरà¥à¤® बडा--------------
शिवपà¥à¤° की वो राह बता गये ,
शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¤à¤® को जानकर ।
तारण तरण गà¥à¤°à¥ ने बताया,
अपने को पहचान कर ।।
आज इसी की महिमा को सà¥à¤¨à¤•à¥‡,
बचà¥à¤šà¤¾- बचà¥à¤šà¤¾ बोला ।
जिन धरà¥à¤® बडा ---------------------
जब जनà¥à¤® मिले जिन धरà¥à¤® मिले,
बस यही अरमान है ।
उर तारण गà¥à¤°à¥ से संत मिले,
जो बना देते à¤à¤—वान है ।।
à¤à¤• बार इस धरà¥à¤® पे चलदे,
"अंतिम " मिला है मानव चोला ।
जिन धरà¥à¤® बडा -----------------