तर्ज - इंसाफ की डगर पे बच्चो दिखाओ चल के


जिन धर्म की डगर पे ,
बच्चो दिखाओ चलके।
यह धर्म है तुम्हारा ,
भगवन तुम्ही कल के ।
कोई बुरा कहे या अच्छा ,
किसी से खुछ ना कहना ।
समता का भाव धरकर ,
आगे को बढते रहना ।
रख दोगे अपनी तुम खुद,
तकदीर को बदल के ।
जिन धर्म की डगर ---------

कितना ही दुख आये ,
पर श्रृद्धा ना डगमगाये ।
मुक्ति के पथ पे बढना,
दृढता को तुम जमाये ।।
गुरुवर के वचनो को,
चलना हृदय मे धरके ।
जिन धर्म की डगर- ---------------

एक एक नियम को लेकर ,
तुम आचरण बनाना ।
जिन धर्म की ध्वजा को ,
सारे जग मे तुम फहराना ।
जीवन सफल बनेगा ,
"अंतिम " स्वयं बदलके।
जिन धर्म की डगर- ------------

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