आया कहां से, कहां है जाना
आया कहां से, कहां है जाना,
ढूंढ ले ठिकाना चेतन ढूंढ ले ठिकाना ।
इक दिन चेतन गोरा तन यह, मिटà¥à¤Ÿà¥€ में मिल जाà¤à¤—ा ।
कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬ कबीला पडा रहेगा, कोई बचा ना पायेगा ।
नहीं चलेगा कोई बहाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।१।
बाहर सà¥à¤– को खोज रहा है, बनता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दीवाना रे ।
आतम ही सà¥à¤– खान है पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡, इसको à¤à¥‚ल ना जाना रे।
सारे सà¥à¤–ों का ये है खजाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना… ।२।
जब तक तन में सांस रहेगी, सब तà¥à¤à¤•à¥‹ अपनायेंगे ।
जब न रहेंगे पà¥à¤°à¤¾à¤£ जो तन में, सब तà¥à¤à¤¸à¥‡ घबरायेंगे ।
तà¥à¤à¤•à¥‹ पडेगा पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ है जाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।३।
दौलत के दीवानों सà¥à¤¨ लो, इक दिन à¤à¤¸à¤¾ आयेगा ।
धन दौलत और रूप खजाना, पडा यहीं रह जायेगा ।
कनà¥à¤§à¤¾ लगायेगा सारा जमाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।४।
गà¥à¤°à¥à¤šà¤°à¤£à¥‹à¤‚ के धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से चेतन, à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र तिर जायेगा ।
समà¥à¤¯à¤—à¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡, दà¥à¤– तेरा मिट जायेगा ।
सारे सà¥à¤–ों का है ये खजाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।५।