बाजे झाँझर घण्टी ,बाजे झांझर घण्टी ।
गुरुवर तेरी आज, ऊतारु आरती।।
पुष्पावती वाले बाबा की,
वीरश्री के लाला की ।
गढाशाह जी के तारण की
ऊतारु ऑरती-------गुरुवर- ------

पुष्पावती मे जन्म लिया है,
सारी धरती को धन्य किया है।
पहचान बताई है शुद्धातम् की
ऊतारु ऑरती--------गुरुवर- ----

दोनो हाथो मे समकित लेके,
भेदज्ञान को हृदय मे धरके ।
राह बताई है मोक्ष महल की
ऊतारु ऑरती- -------गुरुवर- -----

सिद्ध क्षेत्र निसई जी की,
तपोभूमि सेमरखेडी की।
पुष्पावती सूखा जी की
ऊतारु ऑरती---------गुरुवर- ---

ऑरती चौदह ग्रंथराज की,
करु ऑरती समय सार की।
शरण रहूं जिनवाणी जी की
ऊतारु ऑरती- -------गुरुवर- -----

ऑरती ऊतारु अरिहंत प्रभु की,
करु ऑरती सब सिद्धो की ।
ऑचार्य उपाध्याय साधु जी की
ऊतारु ऑरती-------गुरुवर------
बाजे झाँझर घण्टी -------------

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